दोनों स्कूल की छत पर जाने वाली सीढ़ियों के आखिरी सिरे पर अपनी नोटबुक के कुछ पन्ने फाड़, उन्हें किसी फू... दोनों स्कूल की छत पर जाने वाली सीढ़ियों के आखिरी सिरे पर अपनी नोटबुक के कुछ पन्ने...
अब तक काफ़ी अँधेरा हो चुका था।पार्क में सन्नाटा छा गया था।बूढ़े ने सुबह से अब तक मिले तीन रूपयों में स... अब तक काफ़ी अँधेरा हो चुका था।पार्क में सन्नाटा छा गया था।बूढ़े ने सुबह से अब तक म...
एक मार्मिक लघु-कथा, जिसमें बहुत कम शब्दों में समाज में आज भी हो रहे ज़ुल्म के बारे में बहुत कुछ, प्र... एक मार्मिक लघु-कथा, जिसमें बहुत कम शब्दों में समाज में आज भी हो रहे ज़ुल्म के बा...
अजब निराली रीत है,कलयुग तेरे द्वार। अजब निराली रीत है,कलयुग तेरे द्वार।
पथ के चौराहे पर हरी बत्ती की आस लिये नजरें पथरा जाती पर लाल रंग बमुश्किल ही पथ के चौराहे पर हरी बत्ती की आस लिये नजरें पथरा जाती पर लाल रंग बमुश्किल ही
बरगद छाँव ढूँढ रहा किसने क्या प्रयास किया, पूछना खुदसे सवाल है सोई चेतना को जगाकर, इंकलाब लाना ही हो... बरगद छाँव ढूँढ रहा किसने क्या प्रयास किया, पूछना खुदसे सवाल है सोई चेतना को जगाक...